भारत के बुनियादी ढांचा और बिजली क्षेत्र की दो दिग्गज कंपनियां, Rural Electrification Corporation (REC) और Power Finance Corporation (PFC), हाल ही में निवेशकों के लिए चर्चा का केंद्र बन गई हैं। 20 जून 2025 को इनके शेयरों में 6% तक की तेजी देखी गई, जिसका मुख्य कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग नियमों में दी गई ढील है। यह नीति बिजली और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में फंडिंग को आसान बनाती है, जिससे इन कंपनियों की ग्रोथ की संभावनाएं और मजबूत हो गई हैं। आइए, इस तेजी के पीछे के कारण, ब्रोकरेज फर्म्स की राय, और निवेशकों के लिए अवसरों को विस्तार से समझते हैं।
शेयरों में तेजी का कारण: RBI के नए नियम
RBI ने हाल ही में प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए, जो 1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगे। इन नियमों में कई अहम बदलाव किए गए हैं, जो REC और PFC जैसी कंपनियों के लिए फायदेमंद हैं:
- प्रोविजनिंग में कमी: निर्माण चरण में सभी प्रोजेक्ट्स (कमर्शियल रियल एस्टेट को छोड़कर) के लिए प्रोविजनिंग को 1% तक घटाया गया है। कमर्शियल रियल एस्टेट (CRE) के लिए यह 1.25% और रेजिडेंशियल हाउसिंग (CRE-RH) के लिए 1% है। पहले ड्राफ्ट गाइडलाइंस में यह 5% तक प्रस्तावित था, जो अब कम होने से कंपनियों पर वित्तीय दबाव घटेगा।
- मौजूदा प्रोजेक्ट्स को छूट: पहले के प्रस्तावित नियमों में चल रहे प्रोजेक्ट्स पर भी सख्त प्रोविजनिंग लागू होने की बात थी, लेकिन नए नियमों में इन्हें छूट दी गई है। इससे REC और PFC की मौजूदा लोन बुक को सुरक्षा मिलेगी।
- बढ़ती डिमांड: भारत में बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। अक्टूबर 2025 तक पीक पावर डिमांड 230 GW तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा, 43 लाख करोड़ रुपये की पावर जनरेशन और ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स की पाइपलाइन इन कंपनियों के लिए बड़ा अवसर है।
इन नीतिगत बदलावों ने REC और PFC की लोन ग्रोथ, ब्याज आय, और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में उनकी भूमिका को और मजबूत किया है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
REC और PFC का वित्तीय प्रदर्शन
Power Finance Corporation (PFC)
- मार्केट कैप: 1.34 लाख करोड़ रुपये (20 जून 2025 तक)
- शेयर प्राइस: 406.55 रुपये (52-सप्ताह का हाई: 580 रुपये, लो: 357.25 रुपये)
- डिविडेंड यील्ड: 4.24%
- Q4 FY25 नेट प्रॉफिट: 6,316.45 करोड़ रुपये (8.37% QoQ ग्रोथ)
- लोन ग्रोथ: 10% YoY (लक्ष्य 14% से थोड़ा कम)
- एसेट क्वालिटी: ग्रॉस NPA 2.68% (Q4 FY24 में 3.02% से सुधार), नेट NPA 0.71%
PFC ने FY25 में चार अंतरिम डिविडेंड (3.50 रुपये, 3.50 रुपये, 3.50 रुपये, और 3.25 रुपये) और FY24 के लिए 2.50 रुपये का फाइनल डिविडेंड घोषित किया। कंपनी की रिन्यूएबल पोर्टफोलियो में 25% YoY ग्रोथ देखी गई, जो 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
Rural Electrification Corporation (REC)
- मार्केट कैप: 1.45 लाख करोड़ रुपये (लगभग)
- शेयर प्राइस: 550 रुपये (लगभग, 20 जून 2025 तक)
- डिविडेंड यील्ड: 3.89% (इंडस्ट्री मीडियन 1.15% से तीन गुना)
- Q4 FY25 नेट प्रॉफिट: 4,076.35 करोड़ रुपये (23% YoY ग्रोथ)
- लोन ग्रोथ: 11-13% FY26 के लिए अनुमानित
- एसेट क्वालिटी: नेट NPA को FY26 तक शून्य करने का लक्ष्य
REC ने FY25 में चार अंतरिम डिविडेंड (3.50 रुपये, 4 रुपये, 4.30 रुपये, और 3.60 रुपये) घोषित किए। कंपनी ने 25% से ज्यादा भारत की इंस्टॉल्ड पावर जनरेशन क्षमता को फाइनेंस किया है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) जैसी पहलों में अहम भूमिका निभाई है।
ब्रोकरेज फर्म्स की राय
प्रमुख ब्रोकरेज हाउसेज ने REC और PFC पर सकारात्मक रुख अपनाया है:
- ICICI Securities: दोनों कंपनियों पर ‘बाय’ रेटिंग के साथ PFC के लिए 550 रुपये और REC के लिए 600 रुपये का टारगेट प्राइस। ब्रोकरेज का मानना है कि 43 लाख करोड़ रुपये की पावर प्रोजेक्ट पाइपलाइन इनके लिए बड़ा अवसर है।
- Motilal Oswal: PFC के लिए 560 रुपये और REC के लिए 630 रुपये का टारगेट प्राइस। FY24-FY27 के लिए PFC की लोन बुक में 15% CAGR और REC की लोन बुक में 18% CAGR की उम्मीद। डिविडेंड यील्ड (PFC: 4.2%, REC: 4.7%) और मजबूत RoE (PFC: 19%, REC: 21%) को आकर्षक बताया।
- CLSA: दोनों पर ‘हाई परफॉर्म’ रेटिंग के साथ 525 रुपये का टारगेट। मिड-टीन लोन ग्रोथ और न्यूनतम एसेट क्वालिटी जोखिम की सराहना की।
- Emkay Global: PFC के लिए 550 रुपये और REC के लिए 525 रुपये का टारगेट। स्थिर मार्जिन और बेहतर एसेट क्वालिटी पर जोर।
- UBS: दोनों पर ‘बाय’ रेटिंग के साथ PFC के लिए 670 रुपये और REC के लिए 720 रुपये का टारगेट। रिन्यूएबल्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश को ग्रोथ ड्राइवर बताया।
ब्रोकरेज फर्म्स का कहना है कि RBI के नए नियम और सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल इन कंपनियों की ग्रोथ को और बढ़ाएंगी।
निवेशकों के लिए क्या हैं अवसर?
REC और PFC लंबी अवधि के निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प हो सकते हैं। कुछ प्रमुख कारण:
- आकर्षक डिविडेंड यील्ड: PFC (4.24%) और REC (3.89%) दोनों इंडस्ट्री मीडियन से ऊपर डिविडेंड देते हैं, जो नियमित आय चाहने वालों के लिए फायदेमंद है।
- मजबूत सरकारी समर्थन: दोनों कंपनियां मिनिस्ट्री ऑफ पावर के तहत CPSE हैं और रिन्यूएबल एनर्जी, रेलवे, और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सरकार की प्राथमिकता का हिस्सा हैं।
- कम वैल्यूएशन: PFC का PE रेशियो 5.83x और REC का 6.68x है, जो इंडस्ट्री मीडियन (19.4x) से काफी कम है। इससे ये स्टॉक्स वैल्यू इन्वेस्टमेंट के लिए आकर्षक हैं।
- एसेट क्वालिटी में सुधार: दोनों कंपनियों ने ग्रॉस और नेट NPA में कमी दिखाई है, जो वित्तीय स्थिरता का संकेत है।
जोखिम और सावधानियां
हालांकि REC और PFC आकर्षक हैं, निवेशकों को कुछ जोखिमों का ध्यान रखना चाहिए:
- मार्केट वोलैटिलिटी: हाल के महीनों में PSU स्टॉक्स में उतार-चढ़ाव देखा गया है। PFC के शेयर पिछले एक साल में 11.29% और REC के शेयर 25% तक गिरे थे, हालांकि हाल की तेजी ने रिकवरी दिखाई।
- लोन ग्रोथ में चुनौतियां: PFC की लोन ग्रोथ 10% रही, जो 14% के लक्ष्य से कम है। REC ने भी FY26 के लिए AUM ग्रोथ गाइडेंस को 11-13% तक घटाया।
- रेगुलेटरी रिस्क: भविष्य में प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग नियमों में बदलाव इन कंपनियों के मुनाफे को प्रभावित कर सकते हैं।
- वित्तीय सलाह जरूरी: निवेश से पहले सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें और कंपनी की बैलेंस शीट, कैश फ्लो, और टेक्निकल एनालिसिस का अध्ययन करें।
निष्कर्ष
REC और PFC भारत के बिजली और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अहम भूमिका निभा रही हैं। RBI के नए प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग नियमों ने इनके शेयरों में 6% तक की तेजी लाई है, और ब्रोकरेज फर्म्स इन पर बुलिश हैं। आकर्षक डिविडेंड यील्ड, मजबूत सरकारी समर्थन, और कम वैल्यूएशन इन्हें लंबी अवधि के निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हैं। हालांकि, मार्केट जोखिम और लोन ग्रोथ की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए। अगर आप PSU स्टॉक्स में निवेश की सोच रहे हैं, तो REC और PFC आपके पोर्टफोलियो के लिए मजबूत दावेदार हो सकते हैं।
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