भारतीय शेयर मार्केट में GHV इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड एक ऐसा नाम बनकर उभरा है, जिसने निवेशकों को पिछले एक साल में 7732% का शानदार रिटर्न दिया है। पिछले एक महीने से यह स्टॉक लगातार अपर सर्किट में ट्रेड कर रहा है और 30 दिनों में 52% का रिटर्न दे चुका है। हाल ही में कंपनी को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से ₹2645 करोड़ का एक बड़ा प्रोजेक्ट मिला है, जिसने इसकी ऑर्डर बुक को ₹7000 करोड़ के पार पहुंचा दिया है। यह लेख GHV इन्फ्रा के इस शानदार प्रदर्शन, नए प्रोजेक्ट, और निवेशकों के लिए इसके महत्व का विश्लेषण करता है।
GHV इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स का स्टॉक प्रदर्शन
GHV इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स (पूर्व में सिंधु वैली टेक्नोलॉजीज) का शेयर पिछले एक साल में निवेशकों के लिए मल्टीबैगर साबित हुआ है। इसका 52-सप्ताह का निचला स्तर ₹19.78 था, जो अब बढ़कर ₹1549.20 तक पहुंच गया है। शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 को स्टॉक 2% की तेजी के साथ अपर सर्किट पर बंद हुआ। पिछले एक महीने में स्टॉक ने 52% का रिटर्न दिया, जबकि 3 महीनों में 233.55% और 6 महीनों में 1032.29% का रिटर्न दिया है।
कंपनी की मार्केट कैप ₹2023 करोड़ है, और यह BSE पर सूचीबद्ध है (स्टॉक कोड: 505504)। कंपनी का P/E अनुपात 28.64 और P/B अनुपात 24.43 है, जो इसकी मजबूत ग्रोथ को दर्शाता है। इसके अलावा, कंपनी ने हाल ही में 2:1 स्टॉक स्प्लिट और 3:2 बोनस शेयर की घोषणा की है, जिसने निवेशकों का उत्साह और बढ़ा दिया है।
UAE से मिला ₹2645 करोड़ का मेगा प्रोजेक्ट
GHV इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स ने हाल ही में UAE की राणा एग्जिम FZ-LLC से ₹2645 करोड़ (AED 1.12 बिलियन) का एक बड़ा EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, और कंस्ट्रक्शन) कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया है। यह प्रोजेक्ट रास-अल-खैमा इकोनॉमिक जोन (RAKEZ) में ‘एरिशा स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग हब’ के विकास के लिए है, जिसमें इंडस्ट्रियल और कमर्शियल बिल्डिंग्स का निर्माण शामिल है। इस प्रोजेक्ट को 24 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है, जिसमें शुरुआती 90 दिन सेटअप और मोबलाइजेशन के लिए रखे गए हैं।
GHV ग्रुप के चेयरमैन जाहिद विजापुरा ने कहा, “इस ऑर्डर के साथ हमारी ऑर्डर बुक ₹7000 करोड़ से अधिक हो गई है। हम निकट भविष्य में कुछ और चुनिंदा प्रोजेक्ट्स पर काम करने की योजना बना रहे हैं।” यह प्रोजेक्ट कंपनी की अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति को मजबूत करता है और इसके पोर्टफोलियो को विविधता प्रदान करता है।
ऑर्डर बुक और बिजनेस मॉडल
GHV इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करती है, जिसमें ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी, पर्यावरण, और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। कंपनी ने हाल ही में अपने बिजनेस को विस्तार देते हुए पेपर और पेपर प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग में कदम रखने की योजना बनाई है।
इस नए UAE प्रोजेक्ट के साथ कंपनी की ऑर्डर बुक ₹7000 करोड़ को पार कर गई है। इससे पहले, कंपनी ने भारत में ₹1060 करोड़ के एलिवेटेड रोड और ब्रिज प्रोजेक्ट और ₹363 करोड़ के सोलर पावर प्रोजेक्ट जैसे ऑर्डर हासिल किए थे। ये ऑर्डर कंपनी की मजबूत प्रोजेक्ट निष्पादन क्षमता को दर्शाते हैं।
शेयरहोल्डिंग और बोनस शेयर
कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 74% है, जबकि पब्लिक निवेशकों के पास 26% हिस्सेदारी है। हाल ही में कंपनी ने शेयरहोल्डर्स के लिए 3:2 के अनुपात में बोनस शेयर देने की घोषणा की, यानी हर दो शेयरों पर तीन बोनस शेयर मिलेंगे। इसके अलावा, 2:1 स्टॉक स्प्लिट की मंजूरी दी गई है, जिसके तहत ₹10 के फेस वैल्यू वाले एक शेयर को ₹5 के दो शेयरों में विभाजित किया जाएगा। यह कदम स्टॉक को छोटे निवेशकों के लिए और आकर्षक बनाता है।
वित्तीय प्रदर्शन
Q3 FY25 में कंपनी ने ₹2.96 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जो Q2 FY25 के ₹0.03 करोड़ के नुकसान की तुलना में सुधार है। रेवेन्यू भी ₹1.05 करोड़ से बढ़कर ₹18.46 करोड़ हो गया। कंपनी का ROE 40.28% है, जो इसकी लाभप्रदता को दर्शाता है। हालांकि, कंपनी के पास 264 दिनों का हाई डेटर्स पीरियड है, जो कैश फ्लो मैनेजमेंट में चुनौती पैदा कर सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
GHV इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स का स्टॉक अपने शानदार रिटर्न और मजबूत ऑर्डर बुक के कारण निवेशकों के लिए आकर्षक लग सकता है। हालांकि, इसके हाई P/E और P/B अनुपात, साथ ही हाई डेटर्स पीरियड, निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह देते हैं। मार्केट में अपर सर्किट का ट्रेंड और नए प्रोजेक्ट्स की खबरें स्टॉक में और तेजी ला सकती हैं, लेकिन निवेश से पहले गहन विश्लेषण जरूरी है।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें और कंपनी के फंडामेंटल्स, मार्केट ट्रेंड्स, और जोखिमों का आकलन करें। स्टॉक मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन होता है, और सही रणनीति के बिना बड़ा नुकसान हो सकता है।
निष्कर्ष
GHV इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स ने अपने शानदार प्रदर्शन और UAE से मिले ₹2645 करोड़ के प्रोजेक्ट के साथ निवेशकों का ध्यान खींचा है। ₹7000 करोड़ से अधिक की ऑर्डर बुक, बोनस शेयर, और स्टॉक स्प्लिट जैसे कदमों ने इस स्टॉक को मल्टीबैगर बना दिया है। हालांकि, निवेशकों को कंपनी के वित्तीय जोखिमों और मार्केट की अस्थिरता को ध्यान में रखना चाहिए। यदि आप इस स्टॉक में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो अपने जोखिम सहनशीलता और दीर्घकालिक लक्ष्यों के आधार पर निर्णय लें।
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