भारतीय शेयर मार्केट में इन दिनों ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के शेयरों की चर्चा जोरों पर है। कंपनी का आईपीओ अगस्त 2024 में आया था, और तब से इसके स्टॉक में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। कंपनी के तिमाही नतीजे कमजोर होने और लगातार घाटे के बावजूद, स्टॉक की मांग मार्केट में बढ़ रही है। निवेशक, खासकर रिटेल निवेशक, इस स्टॉक को जमकर खरीद रहे हैं। आखिर क्या कारण है कि घाटे में चल रही इस कंपनी के शेयरों में इतनी रुचि दिखाई जा रही है? इस लेख में हम ओला इलेक्ट्रिक के स्टॉक, इसके तिमाही नतीजों, और निवेशकों की रुचि के पीछे के कारणों का विश्लेषण करेंगे।
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का स्टॉक प्रदर्शन
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का आईपीओ अगस्त 2024 में लॉन्च हुआ था, जिसके लिए अपर प्राइस बैंड ₹76 प्रति शेयर था। लिस्टिंग के बाद, शेयर ने अपने उच्चतम स्तर ₹157 को छुआ, लेकिन इसके बाद इसमें लगातार गिरावट देखी गई। जुलाई 2025 तक, स्टॉक की कीमत गिरकर ₹40 के आसपास पहुंच गई, जो इसका 52-सप्ताह का निचला स्तर ₹39.60 के करीब है। यह गिरावट कंपनी के कमजोर वित्तीय प्रदर्शन को दर्शाती है, फिर भी स्टॉक की डिमांड और ट्रेडिंग वॉल्यूम में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, स्टॉक का वॉल्यूम 147.29 मिलियन (14.73 करोड़) शेयर तक पहुंच गया है, और 90% ऑर्डर खरीदारी के हैं।
तिमाही नतीजे: लगातार घाटे की कहानी
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के तिमाही और वार्षिक नतीजे कंपनी की वित्तीय स्थिति को लेकर चिंता पैदा करते हैं। जून 2025 की तिमाही में कंपनी को ₹428 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ, जो पिछले साल की समान तिमाही के ₹267 करोड़ के घाटे से 30% अधिक है। मार्च 2025 की तिमाही में भी कंपनी को ₹870 करोड़ का नुकसान हुआ था, जो पिछले साल की तुलना में दोगुना है। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का शुद्ध घाटा ₹2,276 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹1,584 करोड़ से अधिक है।
कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू भी तिमाही-दर-तिमाही अस्थिर रहा है। जून 2025 में रेवेन्यू ₹828 करोड़ रहा, जबकि मार्च 2025 में यह ₹611 करोड़ था। इसके अलावा, कंपनी का EBITDA मार्जिन -11.6% रहा, जो पिछले साल की तुलना में बेहतर होने की उम्मीद है, लेकिन अभी भी नकारात्मक है। कंपनी का P/E अनुपात नकारात्मक है, और डेट-टू-इक्विटी अनुपात 0.59 है, जो एक स्वस्थ बैलेंस शीट को दर्शाता है, लेकिन इसका ROE -44.25% है, जो निवेशकों के लिए चिंताजनक है।
स्टॉक की डिमांड क्यों बढ़ रही है?
लगातार घाटे और कमजोर फंडामेंटल्स के बावजूद, ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में निवेशकों की रुचि कई कारणों से बढ़ रही है:
- कम वैल्यूएशन पर खरीदारी का मौका: स्टॉक की कीमत अपने IPO मूल्य ₹76 से 48% और अपने उच्चतम स्तर ₹157 से 75% नीचे है। यह कम वैल्यूएशन निवेशकों को आकर्षित कर रहा है, जो इसे एक दीर्घकालिक निवेश के अवसर के रूप में देख रहे हैं।
- रिटेल निवेशकों का विश्वास: कंपनी में 55% हिस्सेदारी पब्लिक निवेशकों के पास है, जबकि प्रमोटर की हिस्सेदारी 36.8% है। रिटेल निवेशक इस स्टॉक में जमकर खरीदारी कर रहे हैं, जिससे वॉल्यूम में वृद्धि हो रही है। म्यूचुअल फंड्स के पास भी 2% से अधिक हिस्सेदारी है, जो निवेशकों के बीच विश्वास को दर्शाता है।
- इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में भविष्य की संभावनाएं: ओला इलेक्ट्रिक भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मार्केट की अग्रणी कंपनी है। सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीतियों और पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण, निवेशक इस सेक्टर में दीर्घकालिक विकास की संभावना देख रहे हैं।
- EBITDA मार्जिन में सुधार की उम्मीद: कंपनी ने संकेत दिया है कि उसका पूरे साल का EBITDA मार्जिन 5% तक पहुंच सकता है, जो निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है।
- नए प्रोडक्ट लॉन्च की संभावना: ओला इलेक्ट्रिक ने हाल ही में अपनी पहली इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल लॉन्च करने की योजना बनाई है, जिससे निवेशकों में उत्साह बढ़ा है।
निवेशकों के लिए जोखिम और सलाह
हालांकि स्टॉक की डिमांड बढ़ रही है, लेकिन कंपनी के कमजोर फंडामेंटल्स और लगातार घाटे निवेशकों के लिए जोखिम पैदा करते हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारी प्रतिस्पर्धा, कमजोर ऑर्डर बुक, और नकारात्मक P/E अनुपात जैसे कारक निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, ब्रोकरेज फर्मों ने स्टॉक के लिए सतर्क दृष्टिकोण अपनाया है, और कुछ ने इसे बेचने की सलाह दी है।
निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे इस स्टॉक में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन होता है, और ओला इलेक्ट्रिक जैसे स्टॉक में निवेश करने से पहले कंपनी के फंडामेंटल्स और मार्केट ट्रेंड्स का गहन विश्लेषण जरूरी है।
निष्कर्ष
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयरों में हाल के दिनों में भारी खरीदारी देखी जा रही है, जो कम वैल्यूएशन, रिटेल निवेशकों के विश्वास, और इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर की भविष्य की संभावनाओं के कारण है। हालांकि, कंपनी के लगातार घाटे, कमजोर तिमाही नतीजे, और प्रतिस्पर्धी चुनौतियां निवेशकों के लिए जोखिम पैदा करती हैं। यदि आप इस स्टॉक में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो अपने जोखिम सहनशीलता और दीर्घकालिक लक्ष्यों को ध्यान में रखकर निर्णय लें।
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