ट्रंप टैरिफ का भारतीय कंपनियों पर असर: इन 3 कंपनियों की कमाई पर संकट

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत के निर्यात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। यह टैरिफ खास तौर पर उन कंपनियों को प्रभावित करेगा, जो अपनी 70 फीसदी से ज्यादा कमाई अमेरिकी बाजार से अर्जित करती हैं। इस लेख में हम तीन ऐसी भारतीय कंपनियों – गोकलदास एक्सपोर्ट्स, गोल्डियाम इंटरनेशनल, और इंडो काउंट – पर चर्चा करेंगे, जिनकी कमाई पर इस टैरिफ का गहरा असर पड़ सकता है। साथ ही, हम यह भी देखेंगे कि ये कंपनियां इस संकट से निपटने के लिए क्या रणनीतिadopt कर सकती हैं।

गोकलदास एक्सपोर्ट्स: कपड़ा उद्योग पर टैरिफ की मार

गोकलदास एक्सपोर्ट्स पिछले 40 सालों से कपड़ा उद्योग में एक बड़ा नाम है। यह कंपनी जैकेट, स्पोर्ट्सवियर, और फैशनेबल कपड़े बनाती है, जो दुनिया के बड़े ब्रांड्स के लिए हाई-क्वालिटी प्रोडक्ट्स की आपूर्ति करती है। कंपनी के पास भारत, केन्या, और इथियोपिया में 20 से ज्यादा आधुनिक फैक्ट्रियां हैं, जो हर साल 3.6 करोड़ कपड़ों का उत्पादन कर सकती हैं। इसके अलावा, अमेरिका और यूएई में इसके मार्केटिंग ऑफिस भी हैं, जो इसके वैश्विक कारोबार को मजबूती देते हैं।

2024 में गोकलदास की कुल बिक्री 19,632.53 करोड़ रुपये थी, जिसमें से 80 फीसदी से ज्यादा, यानी 14,964.37 करोड़ रुपये, अमेरिका से आए। लेकिन 25 फीसदी टैरिफ के कारण कंपनी को लगभग 3,741 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ सकता है। इससे न केवल कंपनी का मुनाफा कम हो सकता है, बल्कि अमेरिकी ग्राहक सस्ते विकल्पों की तलाश भी कर सकते हैं, जिससे ऑर्डर में कमी आ सकती है। गोकलदास को अब नए बाजार तलाशने या लागत कम करने की रणनीति पर काम करना होगा।

गोल्डियाम इंटरनेशनल: गहनों के कारोबार पर बढ़ता दबाव

गोल्डियाम इंटरनेशनल हीरे और सोने-चांदी के गहनों का निर्माण और निर्यात करती है। यह कंपनी सगाई की अंगूठियां, शादी के बैंड, और अन्य डिजाइनर गहनों के लिए जानी जाती है। 2024 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की 90 फीसदी कमाई अमेरिका से आती है। इतनी बड़ी निर्भरता के कारण 25 फीसदी टैरिफ का इस पर गंभीर असर पड़ेगा।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा हीरा काटने और पॉलिश करने का केंद्र है, जो हर साल 32 अरब डॉलर के गहनों का निर्यात करता है। इसमें से 10 अरब डॉलर का निर्यात अकेले अमेरिका को होता है। टैरिफ के कारण गोल्डियाम की लागत बढ़ेगी, जिससे इसके उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं। कंपनी अगले 3-5 साल में 150-200 नई दुकानें खोलने की योजना बना रही थी, लेकिन यह टैरिफ उसकी राह में बाधा बन सकता है। कंपनी को अब यूरोप और एशिया जैसे नए बाजारों पर ध्यान देना होगा।

इंडो काउंट: बिस्तर सामग्री के कारोबार में चुनौती

इंडो काउंट बेडशीट, रजाई, और अन्य बिस्तर सामग्री बनाने वाली एक प्रमुख कंपनी है। इसके ब्रांड्स जैसे वामसुत्ता, प्योर अर्थ, और बुटीक लिविंग ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर्स में लोकप्रिय हैं। 2025 में कंपनी ने अमेरिका और यूके को अपने प्रमुख बाजार बनाया, जिसमें से 70 फीसदी कमाई अमेरिका से आती है। लेकिन टैरिफ के कारण इसके उत्पादों की कीमतें बढ़ने की आशंका है, जिससे मुनाफा कम हो सकता है।

कंपनी को अब लागत कम करने और वैकल्पिक बाजारों की तलाश करने की जरूरत है। इसके अलावा, स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देकर या डिजिटल मार्केटिंग के जरिए नए ग्राहकों तक पहुंचकर इंडो काउंट इस चुनौती से निपट सकती है।

नई रणनीति की जरूरत

25 फीसदी टैरिफ भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर उन कंपनियों के लिए जो अमेरिका पर निर्भर हैं। यह टैरिफ उनकी कमाई, मुनाफे, और बाजार हिस्सेदारी को प्रभावित कर सकता है। गोकलदास एक्सपोर्ट्स, गोल्डियाम इंटरनेशनल, और इंडो काउंट जैसी कंपनियों को अब नई रणनीतियां अपनानी होंगी। ये कंपनियां कीमतें बढ़ाने, लागत कम करने, या यूरोप, एशिया, और मध्य पूर्व जैसे नए बाजारों की तलाश कर सकती हैं। साथ ही, स्थानीय उत्पादन और डिजिटल मार्केटिंग पर ध्यान देकर ये अपने कारोबार को मजबूत कर सकती हैं।

निष्कर्ष

ट्रंप का टैरिफ भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन यह एक अवसर भी हो सकता है। इन कंपनियों ने सालों से अमेरिका में मजबूत कारोबार बनाया है, और अब उनके पास नए बाजारों में अपनी पहचान बनाने का मौका है। सही रणनीति और नवाचार के साथ ये कंपनियां इस संकट को अवसर में बदल सकती हैं।

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