एशियन पेंट्स के शेयर में गिरावट, 5 ब्रोकरेज की राय, जानें टारगेट प्राइस और निवेश का मौका

एशियन पेंट्स, भारत की सबसे बड़ी पेंट कंपनी, पिछले कुछ समय से चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह अच्छी नहीं है। कंपनी के शेयरों में पिछले एक साल में 19% से ज्यादा की गिरावट देखी गई है। जून 2025 की तिमाही (Q1 FY26) में कंपनी का प्रदर्शन भी कमजोर रहा, जिसके बाद कई बड़े ब्रोकरेज हाउसेज ने अपने टारगेट प्राइस और रेटिंग्स में बदलाव किया है। निवेशकों की नजर इस स्टॉक पर टिकी है, क्योंकि यह कभी सबसे भरोसेमंद निवेश विकल्पों में से एक माना जाता था। आइए, इस लेख में हम एशियन पेंट्स के तिमाही नतीजों, ब्रोकरेज की राय, और निवेश के दृष्टिकोण से इसकी स्थिति को समझते हैं।

एशियन पेंट्स का तिमाही प्रदर्शन

जून 2025 को समाप्त तिमाही में एशियन पेंट्स का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट साल-दर-साल (YoY) 6% गिरकर 1,099.77 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 1,169.98 करोड़ रुपये था। कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू भी 0.21% घटकर 8,924.49 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 8,943.24 करोड़ रुपये था। हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) आधार पर प्रॉफिट में 59% की बढ़ोतरी देखी गई, जो मार्च 2025 की तिमाही के 692 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,100 करोड़ रुपये हो गया। रेवेन्यू में भी QoQ आधार पर 7% की वृद्धि हुई, जो जनवरी-मार्च 2025 के 8,330 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

कंपनी के डेकोरेटिव पेंट्स बिजनेस में वॉल्यूम ग्रोथ 3.9% रही, लेकिन रेवेन्यू में 1.2% की कमी आई। इंडस्ट्रियल कोटिंग्स बिजनेस में 8.8% की ग्रोथ देखी गई, जो ऑटो और प्रोटेक्टिव कोटिंग्स सेगमेंट की मजबूती के कारण थी। इंटरनेशनल बिजनेस में 8.4% की वृद्धि हुई, खासकर एशियाई बाजारों, यूएई, और मिस्र में। हालांकि, बाथ फिटिंग्स और किचन बिजनेस में क्रमशः 5.1% और 2.3% की गिरावट दर्ज की गई।

बिड़ला ओपस और बढ़ती प्रतिस्पर्धा

पिछले साल पेंट मार्केट में बड़ा बदलाव देखा गया, जब अडाणी ग्रुप की ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने अपने ब्रांड बिड़ला ओपस के साथ इस सेक्टर में कदम रखा। 10,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ बिड़ला ओपस ने एशियन पेंट्स की मार्केट लीडरशिप को चुनौती दी है। ग्रासिम का लक्ष्य अगले तीन साल में 10,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और नंबर-2 की पोजीशन हासिल करना है। इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने एशियन पेंट्स के मार्जिन्स और मार्केट शेयर पर दबाव डाला है। इसके अलावा, हाई इनपुट कॉस्ट और मैनेजमेंट में बदलाव ने भी कंपनी की चुनौतियां बढ़ाई हैं।

मॉर्गन स्टैनली ने अनुमान लगाया है कि एशियन पेंट्स 2025-2028 के बीच अपने डेकोरेटिव पेंट्स बिजनेस में 209 बेसिस पॉइंट्स का मार्केट शेयर खो सकता है, जो पिछले वित्त वर्ष में 424 बेसिस पॉइंट्स की हानि से कम है। इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनी का स्टॉक डिस्क्रिप्शनरी स्टॉक्स जैसे टाइटन की तुलना में डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा है।

ब्रोकरेज हाउसेज की राय

जून 2025 के तिमाही नतीजों के बाद कई बड़े ब्रोकरेज हाउसेज ने एशियन पेंट्स पर अपनी राय और टारगेट प्राइस में बदलाव किया है। यहां पांच प्रमुख ब्रोकरेज की राय का सारांश है:

  1. गोल्डमैन सैक्स (GS): गोल्डमैन सैक्स ने एशियन पेंट्स पर ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखी और टारगेट प्राइस बढ़ाकर 2,250 रुपये कर दिया। ब्रोकरेज ने न्यूट्रल रेटिंग दी, यह मानते हुए कि कंपनी लंबी अवधि में अपनी स्थिति बनाए रख सकती है।
  2. एचएसबीसी (HSBC): एचएसबीसी ने भी ‘बाय’ रेटिंग बनाए रखी, लेकिन टारगेट प्राइस को 3,150 रुपये से घटाकर 2,800 रुपये कर दिया। रेटिंग न्यूट्रल रखी गई, क्योंकि प्रतिस्पर्धा और मार्जिन प्रेशर चिंता का विषय हैं।
  3. इन्वेस्टेक (Investec): इन्वेस्टेक ने ‘बाय’ रेटिंग दी, लेकिन टारगेट प्राइस को 2,450 रुपये से घटाकर 2,050 रुपये कर दिया। न्यूट्रल रेटिंग के साथ ब्रोकरेज ने कमजोर डिमांड और बढ़ती लागत पर चिंता जताई।
  4. सीएलएसए (CLSA): सीएलएसए ने ‘रिड्यूस’ (सेल) रेटिंग बरकरार रखी और टारगेट प्राइस को 1,966 रुपये से घटाकर 1,927 रुपये कर दिया। ब्रोकरेज ने FY26-28 के लिए नेट प्रॉफिट अनुमान को 3-4% घटाया, क्योंकि प्रतिस्पर्धा और डेप्रिसिएशन कॉस्ट बढ़ रही है।
  5. मॉर्गन स्टैनली (MS): मॉर्गन स्टैनली ने ‘अंडरवेट’ रेटिंग दी और टारगेट प्राइस 1,909 रुपये रखा, जो स्टॉक के मौजूदा स्तर से 20% कम है। ब्रोकरेज ने मार्केट शेयर हानि और बढ़ती लागत को प्रमुख जोखिम बताया।

30 जुलाई 2025 को एशियन पेंट्स का शेयर 0.57% की गिरावट के साथ 2,415.20 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।

निवेशकों के लिए क्या है संदेश?

एशियन पेंट्स के शेयरों में पिछले एक साल की गिरावट और तिमाही नतीजों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। कंपनी का डेकोरेटिव पेंट्स बिजनेस, जो इसका मुख्य रेवेन्यू सोर्स है, बिड़ला ओपस और अन्य प्रतिद्वंद्वियों जैसे बर्जर पेंट्स और JSW पेंट्स से दबाव में है। हालांकि, कंपनी का इंटरनेशनल बिजनेस और इंडस्ट्रियल कोटिंग्स में ग्रोथ सकारात्मक संकेत है। कंपनी ने हाल ही में अपनी सब्सिडियरी Asian Paints Polymers के अमलगमेशन को मंजूरी दी है, जो ऑपरेशंस को और सुचारू करेगा।

लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एशियन पेंट्स अभी भी एक मजबूत ब्रांड है, लेकिन अल्पकालिक निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। विश्लेषकों का मानना है कि अगर डिमांड में सुधार होता है और कंपनी अपनी मार्केटिंग रणनीति को मजबूत करती है, तो यह अपनी स्थिति फिर से हासिल कर सकती है।

कंपनी का बिजनेस मॉडल

एशियन पेंट्स भारत की सबसे बड़ी पेंट कंपनी है, जो डेकोरेटिव पेंट्स, इंडस्ट्रियल कोटिंग्स, बाथ फिटिंग्स, और होम डेकोर प्रोडक्ट्स में काम करती है। कंपनी का मार्केट कैप 2,30,793 करोड़ रुपये है, और यह 33,874 करोड़ रुपये के रेवेन्यू के साथ बिल्डिंग मटेरियल सेक्टर में नंबर-1 है। पिछले 5 साल में कंपनी की सेल्स ग्रोथ 10.9% रही, जो इंडस्ट्री के औसत से कम है।

निष्कर्ष

एशियन पेंट्स के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसका मजबूत ब्रांड और मार्केट प्रजेंस इसे लंबी अवधि में आकर्षक बनाता है। ब्रोकरेज की मिश्रित राय और बिड़ला ओपस की चुनौती के बावजूद, कंपनी के पास रिकवरी की संभावना है। निवेशकों को मौजूदा गिरावट को अवसर के रूप में देखना चाहिए, लेकिन सही समय और रणनीति के साथ निवेश करना जरूरी है।

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    मेरी वैबसाइट बनाने के पीछे एक ही मकसद है की सही और सटीक जानकारी आप के साथ साजा कर सकु...मुझे इंडियन स्टॉक मार्केट में 10 साल का अनुभव है और कंपनी के कामकाज का 10 साल का अनुभव है और साथ में मैंने एक लोकल न्यूज़ पेपर  के लिए भी करीब 5 साल का अनुभव है तो सब मिलकर मेरी इस सभी अनुभव में इस वैबसाइट पर देनी वाली हु.

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