जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFSL) ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया है, जिसने निवेशकों और मार्केट विश्लेषकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। कंपनी के बोर्ड ने प्रमोटर ग्रुप को 15,825 करोड़ रुपये के फंड इन्फ्यूजन को मंजूरी दी है, जिससे अंबानी परिवार और उनकी होल्डिंग कंपनियों की हिस्सेदारी 47.12% से बढ़कर 54.19% हो जाएगी। इस फैसले के बाद गुरुवार को JFSL के शेयर में बड़ी हलचल की उम्मीद है। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि यह कंपनी और निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है।
प्रमोटर ग्रुप की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने बुधवार को अपनी बोर्ड मीटिंग में 50 करोड़ कन्वर्टिबल वारंट्स जारी करने का फैसला किया। इन वारंट्स की कीमत 316.50 रुपये प्रति यूनिट रखी गई है, जिसमें 10 रुपये का फेस वैल्यू और 306.50 रुपये का प्रीमियम शामिल है। प्रत्येक वारंट को बाद में एक इक्विटी शेयर में बदला जा सकता है। यह फंड दो प्रमुख प्रमोटर कंपनियों—सिक्का पोर्ट्स एंड टर्मिनल्स लिमिटेड और जामनगर यूटिलिटीज एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड—को प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए आवंटित किया जाएगा।
इस इश्यू के बाद सिक्का पोर्ट्स की हिस्सेदारी 1.08% से बढ़कर 4.65% और जामनगर यूटिलिटीज की हिस्सेदारी 2.02% से बढ़कर 5.52% हो जाएगी। इस बढ़ोतरी से अंबानी ग्रुप का JFSL पर नियंत्रण और मजबूत होगा, जिससे कंपनी की भविष्य की योजनाओं को और गति मिलने की संभावना है।
कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने जून 2025 को समाप्त तिमाही में शानदार वित्तीय नतीजे पेश किए हैं। कंपनी का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 4% की बढ़ोतरी के साथ 325 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 313 करोड़ रुपये था। कुल रेवेन्यू 418 करोड़ रुपये से बढ़कर 619 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान इंट्रेस्ट इनकम में दोगुना उछाल देखा गया, जो 162 करोड़ रुपये से बढ़कर 363 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, कुल खर्च भी 79 करोड़ रुपये से बढ़कर 261 करोड़ रुपये हो गया, जो कंपनी के बढ़ते परिचालन को दर्शाता है।
जियो पेमेंट्स बैंक का अधिग्रहण
JFSL ने इस तिमाही में एक और बड़ा कदम उठाया। कंपनी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से जियो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (JPBL) की 14.96% हिस्सेदारी 104.54 करोड़ रुपये में खरीदी। इस सौदे के बाद 18 जून 2025 से जियो पेमेंट्स बैंक JFSL की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गया। इस अधिग्रहण से 410.59 करोड़ रुपये के गुडविल के मुकाबले 439.16 करोड़ रुपये का फेयर वैल्यू गेन हुआ, जिसे कंपनी ने अपने वित्तीय नतीजों में एक्सेप्शनल आइटम के रूप में दर्ज किया।
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज क्या करती है?
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) से अलग होने के बाद जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने फाइनेंशियल सेक्टर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। कंपनी इन्वेस्टमेंट और फाइनेंसिंग, इंश्योरेंस ब्रोकिंग, पेमेंट बैंक, पेमेंट एग्रीगेटर और पेमेंट गेटवे सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में काम करती है। इस फंड इन्फ्यूजन से कंपनी को अपने कारोबार को और विस्तार करने और नए अवसरों की तलाश में मदद मिलेगी।
निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है?
इस फंड इन्फ्यूजन और हिस्सेदारी बढ़ोतरी से जियो फाइनेंशियल सर्विसेज की मार्केट स्थिति और मजबूत होगी। अंबानी ग्रुप का बढ़ता नियंत्रण निवेशकों में विश्वास जगाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि प्रमोटर ग्रुप कंपनी के भविष्य को लेकर आशावादी है। गुरुवार को शेयर बाजार में JFSL के शेयरों में तेजी की उम्मीद है, क्योंकि निवेशक इस बड़े निवेश और कंपनी के मजबूत तिमाही नतीजों पर प्रतिक्रिया देंगे।
क्यों है यह खबर महत्वपूर्ण?
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज भारत के तेजी से बढ़ते फाइनेंशियल सेक्टर में एक प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभर रही है। कंपनी का डिजिटल पेमेंट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज में विस्तार, खासकर जियो पेमेंट्स बैंक के अधिग्रहण के बाद, इसे और मजबूती देता है। इस फंड इन्फ्यूजन से कंपनी न केवल अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करेगी, बल्कि नए प्रोडक्ट्स और सर्विसेज लॉन्च करने की दिशा में भी कदम बढ़ाएगी।
निष्कर्ष
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का यह कदम न केवल कंपनी के लिए, बल्कि पूरे फाइनेंशियल सेक्टर के लिए एक बड़ी खबर है। अंबानी ग्रुप की बढ़ती हिस्सेदारी और मजबूत वित्तीय प्रदर्शन JFSL को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है। गुरुवार को शेयर बाजार में इस खबर का असर साफ दिखेगा। अगर आप फाइनेंशियल सेक्टर में निवेश की तलाश में हैं, तो JFSL पर नजर रखना जरूरी है।
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